Sunday, June 15, 2025

Virat Kohli Test Championship

विराट कोहली और टेस्ट चैंपियनशिप: ट्रॉफी अधूरी है, लेकिन कहानी ज़बरदस्त है


 शुरुआत एक सपने से हुई थी…

विराट कोहली का नाम सुनते ही सबसे पहले जो बात याद आती है, वो है उनका जोश, उनकी आक्रामकशुरुआतता और खेल के लिए उनका जुनून। लेकिन जब बात टेस्ट क्रिकेट की आती है, तो विराट का चेहरा अलग ही चमकने लगता है। वो कहते हैं ना, "सच्चा प्यार छुपाए नहीं छुपता" – विराट का टेस्ट क्रिकेट से वही रिश्ता है।

जब ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की शुरुआत 2019 में हुई, तब कोहली भारतीय टीम के कप्तान थे। उन्होंने इस टूर्नामेंट को बेहद गंभीरता से लिया और इसे जीतने का सपना देखा। ये सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं थी उनके लिए, बल्कि उनकी मेहनत, लीडरशिप और टेस्ट के प्रति समर्पण की पहचान बनने वाली थी। Ad





पहला WTC फाइनल – बहुत पास, लेकिन हाथ नहीं आया

2019 से 2021 के बीच भारत ने ज़बरदस्त टेस्ट क्रिकेट खेला। ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराया, इंग्लैंड को इंडिया में हराया और लगातार टॉप पर बने रहे। कोहली की कप्तानी में टीम एकदम फिट, फोकस्ड और फियरलेस दिख रही थी।

फिर आया 2021 का WTC फाइनल, जहां भारत का सामना हुआ न्यूजीलैंड से। मैच इंग्लैंड के साउथैम्प्टन में खेला गया। फैंस को उम्मीद थी कि अब विराट पहली बार आईसीसी ट्रॉफी जीतेंगे, वो भी टेस्ट क्रिकेट में!

लेकिन बारिश, दबाव और न्यूजीलैंड की मजबूत गेंदबाज़ी ने भारत का सपना तोड़ दिया। मैच हार गए – ट्रॉफी नहीं मिली। और कोहली के चेहरे पर वो उदासी थी जो एक योद्धा को तब होती है जब वो जंग जीतने के बावजूद ताज नहीं पा पाता। Ad




लेकिन विराट रुके नहीं, वो लड़े फिर से

विराट भले कप्तानी से हट गए, लेकिन टीम का हिस्सा बने रहे। उन्होंने फिर से टेस्ट मैचों में रन बनाए, टीम को बैक किया और फिर से एक नई टीम को फाइनल तक पहुँचाने में मदद की।

2023 का WTC फाइनल, इस बार सामने थी ऑस्ट्रेलिया। विराट इस बार बल्लेबाज़ की भूमिका में थे, कप्तान नहीं। भारत फिर एक बार फाइनल में पहुँचा, और फैंस को लगा – "शायद अब की बार किस्मत साथ दे।"

लेकिन फिर वही हुआ – फाइनल में भारत लड़खड़ा गया। ऑस्ट्रेलिया ने मजबूत स्कोर बनाया और भारतीय बल्लेबाज़ दबाव में आ गए। विराट ने एक अच्छी शुरुआत की, लेकिन एक शानदार कैच ने उन्हें रोक दिया। और फिर से, ट्रॉफी हाथ से निकल गई। Ad



विराट कोहली की टेस्ट कप्तानी – एक मिसाल

भले ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की ट्रॉफी उनके नाम न हो, लेकिन विराट ने टेस्ट क्रिकेट को जो ऊंचाई दी है, वो अनमोल है।

उन्होंने भारतीय क्रिकेट को सिखाया कि:

  .  तेज गेंदबाज़ ही जीत दिलाते हैं

  .  फिटनेस सिर्फ T20 के लिए नहीं, टेस्ट के लिए भी जरूरी है

  .  विदेशों में जीतना भी उतना ही जरूरी है जितना घर में

उनकी कप्तानी में:

   भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पहली बार उसके घर में हराया (2018-19)

.    भारत लगातार नंबर 1 टेस्ट टीम बना रहा

.     खिलाड़ियों में जीतने की भूख दिखी

कोहली ने टेस्ट को स्टाइलिश बना दिया। उन्होंने इसे "कूल" बना दिया। जब बाकी लोग T20 की तरफ भाग रहे थे, विराट टेस्ट की बात कर रहे थे। Ad




क्या कोहली कभी टेस्ट चैंपियनशिप ट्रॉफी जीत पाएंगे?

ये सवाल अब भी हर फैन के दिल में है। 2025 में अगला फाइनल होगा, और अगर भारत वहाँ पहुँचता है, तो कोहली शायद आखिरी बार कोशिश करें। वो अब भी फिट हैं, रन बना रहे हैं और पूरी दुनिया को दिखा चुके हैं कि वो कभी आउटडेटेड नहीं हो सकते।

शायद क्रिकेट भी उन्हें वो एक आखिरी मौका देगा, ताकि वो उस ट्रॉफी को उठा सकें जिसके लिए उन्होंने सब कुछ दिया है। Ad




नतीजा जो भी हो, विराट कोहली का असर अमिट है

ट्रॉफी मिले या ना मिले, लेकिन विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट को जो दिया है, वो हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को एक मिशन बनाया, देश को गर्व कराया, और लाखों युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया।

उनकी यह लाइन याद रखना ज़रूरी है –

“टेस्ट क्रिकेट मेरी पहचान है। बाकी सब बोनस है।




अंत में बस इतना…

WTC ट्रॉफी और विराट कोहली की ये कहानी अधूरी जरूर लगती है, लेकिन असल में यह एक ऐसे इंसान की कहानी है जिसने सिर्फ जीतने के लिए नहीं, बल्कि क्रिकेट से सच्चा प्यार करने के लिए खेला।

शायद अगली बार ट्रॉफी भी यही सोचकर कहे – "अब तो विराट कोहली को मेरा हक़ बनता है।" Ad




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